गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

भाजपा राज में महिला अपनी अस्मत पर रोते रहीं


और पुलिस कहती रही समझौता कर लो!
रायपुर। राजधानी में एक महिला अपने अस्मत को लेकर रोते रही, बिलखते रही और सरकार में बैठे भाजपा के दिग्गजों को उसकी चीख सुनाई ही नहीं दी। थक कर उसे न्यायालय के शरण में जाना पड़ा। राजधानी में घटी इस घटना का शर्मनाक पहलू यह है कि पीडि़ता को न्याय दिलाने की बजाय पुलिस का एक वर्दीधारी महिला को समझौता करने के लिए धमकी देता रहा। राजधानी के हीरापुर इलाके में अगस्त 18 की इस घटना को आज 6 माह गुजर गये है और जब न्यायालय में भी पुलिस का रवैया जब टालमटोल का रहा तो वह रोते बिलखते प्रेस क्लब आ गई जहां उसकी ही जुबानी यह घटना को प्रकाशित किया जा रहा है। उसने जो लिखित में पत्रकारों जो आपबीती बताई वह राजधानी के पुलिस के लिए शर्मनाक तो है ही रमन राज में महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता को भी दर्शाने के लिए काफी है।
महिला के मुताबिक अपने साथ हुए कृत्य के दौरान वह हिम्मत हार जाती तो अपराधी उसके साथ न केवल बलात्कार करने में सफल हो जाते बल्कि जान से भी मार सकते थे। अपनी अस्मत बचाने इस महिला ने जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ साहस दिखाया उसके लिए उसे पुरस्कृत करने की बजाय पुलिस का रवैया सभ्य समाज को शर्मसार करने वाला है। महिला ने बताया कि 20.8.2018 को रात्री लगभग 10.&0 ....11 को पीडिता रिंग रोड नंबर 2 टाटीबंध हीरापुर थाना आमानाका रायपुर में अपना ढाबा बंद करने की तैयारी कर रही थी कि उसी समय रनधीर सिंह राहल सिंह और एक अन्य लडका जो हीरापुर टाटीबंध के रहने वाले है ढाबा में आये और बोले शराब पीना है तो पीडिता ने मना किया और चले जाने के लिये बोली उतने मे हीरापर टाटीबंध मे रहने वाला मुकेश और उसका लडका जो कि अवैध शराब बेचने का काम भी करते है पीडिता के ढाबा के पास पान ठेला लगाता है भी आ गये और दोनो बोले कि रनधीर सिंह राहुलसिंह उसके उसके साथ आया हुआ लडका उसका कस्टमर है इसलिये शराब पीने दो तो पीडिता ने मुकेश और उसके लडका को भी ऐसा करने से मना कर दिया तो सभी जबरदस्ती करने लगे तो पीडिता ने पुलिस मे शिकायत करने की बात कही और मोबाईल से पुलिस को फोन लगाने लगी तभी मुकेश ने मेरा मोबाईल छीन कर तोड दिया और गंदी गंदी गालियां देते हुए सभी लोग अभद्र व्यवहार करने लगे पीडिता डर गयी और ढाबा से बाहर निकलने लगी तभी सभी लोगो ने पीडिता को पकड लिया और पीडिता की साडी उतार दी गलत नीयत से और पीडिता की लÓजा भंग करने की नीयत से आपात्तिजनक कृत्य भी करने लगे ंइस कृत्य के कारण पीडिता का ब्लाउज फट गया और पेटीकोट और ब्लाउज पहने ढाबा से रिंग रोड पर आ गई और सहायता मांगने के लिये चिल्लाने लगी । उसके बाद उपरोक्त सभी व्यक्ति ढाबा से भाग गये । फिर पीडिता ने अपना ढाबा तुरंत बंद कर अपने धर आ गयी । पीडिता अत्यंत भयभीत थी और दूसरे दिन 21.8.2018 सुबह लगभग 6 बजे थाना आमानाका जा रही थी थाना के पास से ही दो लडको ने पीडिता को थाना से भगा दिया। दोनो लडकों को पीडिता नही जानती है । उसके बाद महोबाबाजार तक आयी और किसी से मदद लेकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत किया । पीडिता ने उपरोक्त धटना की पूरी जानकारी सीएम हेल्पलाईन में दिया सीएम हेल्पलाईन से 22.8.2018 को दोपहर के लगभग पीडिता के पास फोन आया और आमानाका थाना जाने के लिये बोले । शाम के लगभग 5 बजे पीडिता थाना गयी तो पीडिता ने पुंिलस थाना आमानाका में उपरोक्त पूरी धटना के बारे में बताया प्रथम सूचना प्रतिवेदन थाना आमानाका ने दर्ज किया जिसका अपराध क्रंमाक 212।2018 है। लेकिन जैसी घटना हुई थी वैसी रिपोर्ट दर्ज नही किया गया था । इसकी जानकारी पीडिता को लगभग 10 दिनो के बाद हुई पुलिस थाना आमानाका ने सामान्य अपराध के संबंध में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज किया और अपराधियों को बचाने का असफल प्रयास किया पीडिता ने 10.9.2018 को लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक रायपुर को किया लेकिन कोई कार्यवाही नही की गई दिनांक 5.11.2018 को भी शिकायत पुलिस अधीक्षक से किया उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई 4.1.2019 को भी शिकायत की गई। जिसमें यह भी शिकायत की गई कि थाना आमानाका में पदस्थ कर्मचारी टीकम रावत ने पीडिता के ढाबा मे आया।(शेष पृष्ठ & पर)
 और ढाबा के बाहर बुलाकर बोला कि थाना आ जाना केस बंद करवा देगे समझौता करवा देते है आरोपीगण हमेशा मदद करेगे । लेकिन पुलिस अधीक्षक ने भी कोई कार्यवाही नही की पीडिता व्यक्तिगत रूप से भी दिनांक 21.1.2019 को पुलिस अधीक्षक से उनके चेम्बर मे मिली तब पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि आरोपीगणो की गिरप्तारी करवाते है लेकिन पुलिस अधीक्षक और थाना आमानाका प्रभारी ने भी कोई कार्यवाही नही की यहां तक पुलिस वालो ने पीडिता का बयान भी दर्ज नही किया है और सिर्फ  1 फोटो लिया है । पीडिता ने पुलिस प्रशासन से मानसिक रूप से प्रताडित होकर और परेशान होकर न्यायलय के समक्ष दिनांक 4.2.2019 कार्यवाही  करने के लिये आवेदन प्रस्तुत कर दिया है जिस पर से न्यायलय के द्वारा दिनांक 5.2.2019 को थाना आमानाका से केस डायरी और प्रतिवेदन बुलाया गया लेकिन थाना आमानाका को पुंलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत षिकायत पर क्या जांच की गई है के संबंध में प्रतिवेदन मांगा लेकिन थाना आमानाका ने कोई प्रतिवेदन दिनांक 7.2.2019 को भी प्रस्तुत नही किया अब दिनांक 11.2.2019 को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की तारीख नियत की गई है। पीडिता आज भी अपराधियों के विरूद्व समुचित कार्यवाही करवाने के लिये अपने फटे हुये कपउे लिये हुंये भटक रही है

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