शनिवार, 21 नवंबर 2020

मध्यप्रदेश के फरारी का हार्टिकल्चर में हरियाली...



मध्यप्रदेश के फरारी का हार्टिकल्चर में हरियाली...

विशेष प्रतिनिधि

रायपुर। एक तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के हित में नई-नई योजनाएं लागू की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के कई अफसर मुख्यमंत्री की योजना को पलीता लगाने में लगे हैं। ताजा मामला हार्टिकल्चर विभाग का है जिसके डायरेक्टर ने भूपेश सरकार की योजना को ध्वस्त करने की मंशा से एक ऐसी कंपनी के डायरेक्टर जिग्नेश भाई पटेल को लगातार काम दे रहे हैं जो न केवल मध्यप्रदेश में घपला कर फरार है बल्कि अपनी कमीशनबाजी के लिए चर्चित हैं।

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने जब से सत्ता संभाली है तभी से वह किसानों के लिए कई नई-नई योजनाएं लाई है लेकिन कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले हार्टिकल्चर विभाग में किसानों से लूट का नया जरिया बना लिया है। सूत्रों की माने तो जब से हार्टिकल्चर विभाग में साउथ इंडियन डायरेक्टर ने पदभार संभाला है तभी से ऐसी कंपनियों को काम दिया जा रहा है जो किसानों को लूटने के नाम से बदनाम है। ऐसी ही एक कंपनी किसान एग्रो है जिसके मध्यप्रदेश में किसानों के साथ बड़ी साजिश कर कम गुणवत्ता का माल सप्लाई किया था और बाद में मामला उजागर होने के बाद वहां से फरार हो गया। सूत्रों की माने तो इस कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुका है।

हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों की माने तो सौ करोड़ की यंत्रीकरण योजना में पावर टिलर की खरीदी के मामले में किसान एग्रो के संचालक जिग्नेश भाई पटेल पर चाईना के प्रोडक्ट पर टैग लगाकर घटिया क्वालिटी के पॉवर टिलर किसानों को देने का न केवल आरोप है बल्कि घटिया माल सप्लाई करने खूब कमीशन देने का भी आरोप है।

बताया जाता है कि जिग्नेश भाई पटेल की हार्टिकल्चर के डायरेक्टर से खूब छनती है और यहां भी घटिया सामान की सप्लाई के नाम पर कमीशनखोरी चरम पर है।

हमारे सूत्रों की माने तो जिग्नेश भाई पटेल को आधा दर्जन से अधिक जिलों में सप्लाई का काम दिया जा चुका है। जबकि जिग्नेश के कारनामों की चर्चा विभाग के हर कर्मचारी धड़ल्ले से कर रहे है।

बहरहाल हार्टिकल्चर में चल रहे इस कमीशनखोरी की चर्चा जोर-शोर से है। ये जिग्नेश भाई पटेल कौन है। इसे काम दिलाने में किस भाजपा के दमदार नेता ने रूचि दिखाई और कमीशनखोरी कैसे होती है इसका खुलासा भी शीघ्र होगा लेकिन डायरेक्टर की करतूत से मंत्री का क्या लेना देना है। यह भी चर्चा का विषय है।