bihiniya sanjha

शुक्रवार, 15 जून 2012

16 june 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 10:44 pm कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

बुधवार, 13 जून 2012

13 june 2012








प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 9:34 pm कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

मंगलवार, 12 जून 2012

12 june 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 8:47 pm कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

सोमवार, 11 जून 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 7:31 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

रविवार, 10 जून 2012

11 june 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 7:02 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

शुक्रवार, 8 जून 2012

9 june 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 7:07 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

गुरुवार, 7 जून 2012

8 june 2012









प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 7:42 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें
नई पोस्ट पुराने पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें संदेश (Atom)

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2021 (24)
    • ►  जनवरी (24)
  • ►  2020 (30)
    • ►  दिसंबर (28)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
  • ►  2019 (6)
    • ►  मार्च (3)
    • ►  फ़रवरी (3)
  • ►  2014 (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ▼  2012 (55)
    • ▼  जून (13)
      • 16 june 2012
      • 13 june 2012
      • 12 june 2012
      • 11 june 2012
      • 9 june 2012
      • 8 june 2012
      • 7 june 2012
      • 6 june 2012
      • 5 june 2012
      • 4 june 2012
      • 3 june 2012
      • 2june 2012
    • ►  मई (36)
    • ►  अप्रैल (6)

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
कौशल तिवारी 'मयूख'
मैंने पत्रकारिता की शुरुआत ८५-८६ में की तब मैंने सोचा भी नहीं था कि मै इसमे इस तरह से खो जाऊंगा | ईमानदारी के मायने बदल जायेंगे | छत्तीसगढ़ कि उपेक्षा की तकलीफ ने मुझे चुनाव में उतार दिया | लेकिन मुझे लगा की पत्रकारिता में रहते हुए मै ज्यादा कम कर सकता हु | वक्त ने मुझे और मजबूती दी | नौकरी के बजाय स्वतंत्र पत्रकारिता मुझे रास आ गया | वर्तमान में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ का पिछले ६ साल से प्रेसिडेंट हु |अब मै पत्रकारों को पत्रकारिता का अ ब स सिखाने में जुट गया हूँ |
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

CG Blog

CG Blog

CG Blog
वाटरमार्क थीम. Blogger द्वारा संचालित.