रविवार, 24 फ़रवरी 2019

तो आधा दर्जन पूर्व मंत्री और उतने ही अफसर जायेंगे जेल


0 रोज सामने आ रहे घोटाले, अरबों का घोटाला
विशेष प्रतिनिधि
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही जिस तरह से पूर्व सरकार के घपले घोटाले सामने आ रहे हैं वह हैरान कर देने वाला है। रोज सामने आ रहे घोटाले की ईमानदारी से जांच हुई तो न केवल आधा दर्जन से अधिक मंत्री जेल के सलाखों में होंगे बल्कि इतने ही अफसर भी जेल जाएँगे। हालत यह है कि ऐसा कोई विभाग नहीं है जिसमें घपले कर करोड़ों रुपये हजम नहीं किया गया है। खुद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम भी कई घपलों में शामिल है।
पिछले पन्द्रह सालों से सत्ता में रही भाजपा सरकार के घपलों की फेहरिश्त थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह के घपले सामने आ रहे हैं वह हैरान कर देने वाला है। सूत्रों की माने तो रमन राज में ऐसा कोई विभाग नहीं बचा था जहां घपले-घोटाले नहीं किये गये थे। स्वयं रमन सिंह के पास जो विभाग थे उर्जा, खनिज, जनसंपर्क में भी करोड़ों-अरबों का घोटाला हुआ है।
हालांकि नई सरकार के मुखिया ने कुछ विभाग में हुए बड़े घोटाले की ही जांच के आदेश दिये है। सर्वाधिक चर्चित नान घोटाले में तो रमन सिंह और उनकी पत्नी का नाम सामने आने की बात कही जा रही है। सूत्रों की माने तो नान घोटाले में जिस तरह का बंदरबांट हुआ है उसमें दो दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आये है जिनमें राजनेता से लेकर अफसरशाही का जिस तरह से गठजोड़ सामने आया है, वह न केवल हैरानी भरा है बल्कि शर्मनाक भी कहा जा रहा है। गरीबों को चावल के नाम से हुए घोटाले भाजपा की रीति-नीति और कथनी करनी में अंतर साफ देखा जा रहा है।
एक तरफ केन्द्र में बैठी मोदी सरकार कांग्रेस पर रोज नये-नये आरोप लगाकर स्वयं को पाक साफ बता रही है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की करतूत बता रही है कि सत्ता में आते ही करोड़ों रुपये कमाने किस तरह का षडय़ंत्र किया जाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में उर्जा विभाग में ओपन एक्सेस घोटाले की फाईल अब भी धूल खा रही है। सूत्र बताते है कि निजी कंपनियों से सांठ-गांठ कर अरबों रुपये का फायदा पहुंचाने के इस खेल में अमन सिंह की भूमिका को लेकर भी सवाल उठते रहे है जबकि खनिज विभाग में कोल ब्लाक और आयरन ओर की खदानों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। भटगांव कोल ब्लाक के आबंटन को लेकर तो न केवल नितिन गडकरी और संचेती बंधुओं के नाम सामने आये थे बल्कि खनिज विकास निगम की भूमिका को लेकर कैग ने भी गंभीर टिप्पणी की थी।
इसी तरह जनसंपर्क विभाग में हुए घपले घोटाले भी चर्चा के केन्द्र में है। अपनी छवि चमकाने के नाम पर जिस तरह से यहां घोटाले हुए है वह भी जांच का विषय है। अपने लोगों को उपकृत करने के इस खेल में सरकारी खजाने में डकैती डाली गई है कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस बंदरबांट की जानकारी मिलते ही 17 एजेसियां की सेवा को हटाने का निर्देश तो दे दिया लेकिन ऐसे कई मामले है जिसकी जांच हुई तो दर्जनभर लोग जेल में होंगे।
सू्त्रों की माने तो रमन राज में न केवल अफसरों और राजनेताओं ने गठजोड़ कर करोड़ों-अरबों रुपये हजम किये बल्कि इस खेल में मंत्रियों के रिश्तेदारों और खासमखास लोग भी शामिल थे। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण, जल संसाधन, पंचायत, वन, खाद्य विभाग में भी करोड़ों के घोटाले सामने आ चुके है और सरकार इसकी जांच के लिए रणनीति बना रही है।
बहरहाल पूर्व सरकार के घोटाले को लेकर प्रशासनिक हल्कों में चर्चा गर्म है और कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की वजह से कई मामलों की जांच को निलंबित करवाया गया है ताकि बदलापुर की बात न हो।

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

भाजपा राज में महिला अपनी अस्मत पर रोते रहीं


और पुलिस कहती रही समझौता कर लो!
रायपुर। राजधानी में एक महिला अपने अस्मत को लेकर रोते रही, बिलखते रही और सरकार में बैठे भाजपा के दिग्गजों को उसकी चीख सुनाई ही नहीं दी। थक कर उसे न्यायालय के शरण में जाना पड़ा। राजधानी में घटी इस घटना का शर्मनाक पहलू यह है कि पीडि़ता को न्याय दिलाने की बजाय पुलिस का एक वर्दीधारी महिला को समझौता करने के लिए धमकी देता रहा। राजधानी के हीरापुर इलाके में अगस्त 18 की इस घटना को आज 6 माह गुजर गये है और जब न्यायालय में भी पुलिस का रवैया जब टालमटोल का रहा तो वह रोते बिलखते प्रेस क्लब आ गई जहां उसकी ही जुबानी यह घटना को प्रकाशित किया जा रहा है। उसने जो लिखित में पत्रकारों जो आपबीती बताई वह राजधानी के पुलिस के लिए शर्मनाक तो है ही रमन राज में महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता को भी दर्शाने के लिए काफी है।
महिला के मुताबिक अपने साथ हुए कृत्य के दौरान वह हिम्मत हार जाती तो अपराधी उसके साथ न केवल बलात्कार करने में सफल हो जाते बल्कि जान से भी मार सकते थे। अपनी अस्मत बचाने इस महिला ने जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ साहस दिखाया उसके लिए उसे पुरस्कृत करने की बजाय पुलिस का रवैया सभ्य समाज को शर्मसार करने वाला है। महिला ने बताया कि 20.8.2018 को रात्री लगभग 10.&0 ....11 को पीडिता रिंग रोड नंबर 2 टाटीबंध हीरापुर थाना आमानाका रायपुर में अपना ढाबा बंद करने की तैयारी कर रही थी कि उसी समय रनधीर सिंह राहल सिंह और एक अन्य लडका जो हीरापुर टाटीबंध के रहने वाले है ढाबा में आये और बोले शराब पीना है तो पीडिता ने मना किया और चले जाने के लिये बोली उतने मे हीरापर टाटीबंध मे रहने वाला मुकेश और उसका लडका जो कि अवैध शराब बेचने का काम भी करते है पीडिता के ढाबा के पास पान ठेला लगाता है भी आ गये और दोनो बोले कि रनधीर सिंह राहुलसिंह उसके उसके साथ आया हुआ लडका उसका कस्टमर है इसलिये शराब पीने दो तो पीडिता ने मुकेश और उसके लडका को भी ऐसा करने से मना कर दिया तो सभी जबरदस्ती करने लगे तो पीडिता ने पुलिस मे शिकायत करने की बात कही और मोबाईल से पुलिस को फोन लगाने लगी तभी मुकेश ने मेरा मोबाईल छीन कर तोड दिया और गंदी गंदी गालियां देते हुए सभी लोग अभद्र व्यवहार करने लगे पीडिता डर गयी और ढाबा से बाहर निकलने लगी तभी सभी लोगो ने पीडिता को पकड लिया और पीडिता की साडी उतार दी गलत नीयत से और पीडिता की लÓजा भंग करने की नीयत से आपात्तिजनक कृत्य भी करने लगे ंइस कृत्य के कारण पीडिता का ब्लाउज फट गया और पेटीकोट और ब्लाउज पहने ढाबा से रिंग रोड पर आ गई और सहायता मांगने के लिये चिल्लाने लगी । उसके बाद उपरोक्त सभी व्यक्ति ढाबा से भाग गये । फिर पीडिता ने अपना ढाबा तुरंत बंद कर अपने धर आ गयी । पीडिता अत्यंत भयभीत थी और दूसरे दिन 21.8.2018 सुबह लगभग 6 बजे थाना आमानाका जा रही थी थाना के पास से ही दो लडको ने पीडिता को थाना से भगा दिया। दोनो लडकों को पीडिता नही जानती है । उसके बाद महोबाबाजार तक आयी और किसी से मदद लेकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत किया । पीडिता ने उपरोक्त धटना की पूरी जानकारी सीएम हेल्पलाईन में दिया सीएम हेल्पलाईन से 22.8.2018 को दोपहर के लगभग पीडिता के पास फोन आया और आमानाका थाना जाने के लिये बोले । शाम के लगभग 5 बजे पीडिता थाना गयी तो पीडिता ने पुंिलस थाना आमानाका में उपरोक्त पूरी धटना के बारे में बताया प्रथम सूचना प्रतिवेदन थाना आमानाका ने दर्ज किया जिसका अपराध क्रंमाक 212।2018 है। लेकिन जैसी घटना हुई थी वैसी रिपोर्ट दर्ज नही किया गया था । इसकी जानकारी पीडिता को लगभग 10 दिनो के बाद हुई पुलिस थाना आमानाका ने सामान्य अपराध के संबंध में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज किया और अपराधियों को बचाने का असफल प्रयास किया पीडिता ने 10.9.2018 को लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक रायपुर को किया लेकिन कोई कार्यवाही नही की गई दिनांक 5.11.2018 को भी शिकायत पुलिस अधीक्षक से किया उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई 4.1.2019 को भी शिकायत की गई। जिसमें यह भी शिकायत की गई कि थाना आमानाका में पदस्थ कर्मचारी टीकम रावत ने पीडिता के ढाबा मे आया।(शेष पृष्ठ & पर)
 और ढाबा के बाहर बुलाकर बोला कि थाना आ जाना केस बंद करवा देगे समझौता करवा देते है आरोपीगण हमेशा मदद करेगे । लेकिन पुलिस अधीक्षक ने भी कोई कार्यवाही नही की पीडिता व्यक्तिगत रूप से भी दिनांक 21.1.2019 को पुलिस अधीक्षक से उनके चेम्बर मे मिली तब पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि आरोपीगणो की गिरप्तारी करवाते है लेकिन पुलिस अधीक्षक और थाना आमानाका प्रभारी ने भी कोई कार्यवाही नही की यहां तक पुलिस वालो ने पीडिता का बयान भी दर्ज नही किया है और सिर्फ  1 फोटो लिया है । पीडिता ने पुलिस प्रशासन से मानसिक रूप से प्रताडित होकर और परेशान होकर न्यायलय के समक्ष दिनांक 4.2.2019 कार्यवाही  करने के लिये आवेदन प्रस्तुत कर दिया है जिस पर से न्यायलय के द्वारा दिनांक 5.2.2019 को थाना आमानाका से केस डायरी और प्रतिवेदन बुलाया गया लेकिन थाना आमानाका को पुंलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत षिकायत पर क्या जांच की गई है के संबंध में प्रतिवेदन मांगा लेकिन थाना आमानाका ने कोई प्रतिवेदन दिनांक 7.2.2019 को भी प्रस्तुत नही किया अब दिनांक 11.2.2019 को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की तारीख नियत की गई है। पीडिता आज भी अपराधियों के विरूद्व समुचित कार्यवाही करवाने के लिये अपने फटे हुये कपउे लिये हुंये भटक रही है

मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019

दहेजलोभी पति को सजा दिलाना ही ध्येय...


भाठापारा के नेहा मंधानी ने और उसके परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस घर में वह रानी बनकर जा रही है वहां उसकी जिन्दगी किसी नौकरानी से भी बदतर बना दी जायेगी। सिर्फ 20 लाख के लिए प्रताडऩा के इस दौर में नेहा एक एक दिन किस तरह काटी वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है इसके बाद भी वह अपनी बेटी की खातिर हर समझौते को तैयार थी लेकिन जब समाज और पुलिस काउसिलिंग में भी बात नहीं बनी तो वह रिपोर्ट लिखाने मजबूर हुई। लेकिन पति अब भी फरार है।
भाटापारा की नेहा की शादी 17 जनवरी 2016 को रायपुर स्थित राजेन्द्र नगर निवासी सुमीत थावानी से हुई। सुमीत घर का इकलौता पुत्र है और पंडरी में इनका किड्स वेयर के नाम से दुकान संचालित है। शादी रायपुर में ही हुई और लड़की वालों ने बेटी की खुशी के लिए जो कुछ बन सकता था खुशी खुशी दिये। लेकिन शादी को अभी एक माह भई नहीं बीते थे कि नेहा को मायके से 20 लाख रुपये लाने कहा गया। इस बात को लेकर ताना दिया जाने लगा और जब मानसिक प्रताडऩा के बाद भी नेहा टस से मस नहीं हुई तो फिर शारीरिक प्रताडऩा का दौर शुरु हुआ। इस दौर में ससुर गिरीश, सास रेखा और ननद गुंजन भी शामिल हो गई। नेहा के मुताबिक सुमित आये दिन शराब के नशे में आता और पैसे की मांग कर मारपीट करता और मायके में शिकायत करने पर प्रताडऩा और बढ़ जाता। शादी के दस माह बाद तो उसे घर से निकाल दिया गया जबकि इस दौरान वह गर्भवती थी।
इसके बाद सामाजिक बैठकों का दौर चला और जब समाज का दबाव भी काम नहीें आया तो थाने का दरवाजा खटखटाया गया। करीब पांच काउंसिलिंग हुई लेकिन सुमित और उसका परिवार टस से मस नहीं हुआ तब 5 दिसम्बर को दहेज प्रताडऩा की रिपोर्ट लिखी गई और सुमित तथा उसके माता पिता और बहन को आरोपी बनाया गया।
बताया जाता है कि थाने में रिपोर्ट तो लिख ली गई लेकिन आरोपियों से पैसे खाकर फरार बता दिया गया। पुलिस की लापरवाही के चलते मुख्य अभिुक्त सुमित फरार है और थाने में सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। पत्रकारवार्ता में नेहा ने बताया कि सुमित अब भी अग्रिम जमानत लेने की कोशिश में लगा है।