bihiniya sanjha

शनिवार, 11 जनवरी 2014


प्रस्तुतकर्ता कौशल तिवारी 'मयूख' पर 10:37 pm कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें
नई पोस्ट पुराने पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें संदेश (Atom)

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2024 (1)
    • ►  जुलाई (1)
  • ►  2021 (24)
    • ►  जनवरी (24)
  • ►  2020 (30)
    • ►  दिसंबर (28)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
  • ►  2019 (6)
    • ►  मार्च (3)
    • ►  फ़रवरी (3)
  • ▼  2014 (1)
    • ▼  जनवरी (1)
  • ►  2012 (55)
    • ►  जून (13)
    • ►  मई (36)
    • ►  अप्रैल (6)

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
कौशल तिवारी 'मयूख'
मैंने पत्रकारिता की शुरुआत ८५-८६ में की तब मैंने सोचा भी नहीं था कि मै इसमे इस तरह से खो जाऊंगा | ईमानदारी के मायने बदल जायेंगे | छत्तीसगढ़ कि उपेक्षा की तकलीफ ने मुझे चुनाव में उतार दिया | लेकिन मुझे लगा की पत्रकारिता में रहते हुए मै ज्यादा कम कर सकता हु | वक्त ने मुझे और मजबूती दी | नौकरी के बजाय स्वतंत्र पत्रकारिता मुझे रास आ गया | वर्तमान में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ का पिछले ६ साल से प्रेसिडेंट हु |अब मै पत्रकारों को पत्रकारिता का अ ब स सिखाने में जुट गया हूँ |
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

CG Blog

CG Blog

CG Blog
वाटरमार्क थीम. Blogger द्वारा संचालित.